NISHEETH KAVI
रविवार
मुक्तक
मुक्तक
हालते
बे
-
जुबाँ
देखिये
,
आप
दर्दे
जहाँ
देखिये
।
इससे
पहले
कोई
भी
दिखा
दे
,
ख़ुद
ब
ख़ुद
आइना
देखिये
।
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